दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान हिटलर की नाजी सेना ने दुनिया के कई देशों में जमकर तबाही मचाई। इस युद्ध को आज तक सबसे विनाशकारी युद्ध माना जाता है। हालांकि, इस जंग में जर्मनी को भारी कीमत चुकानी पड़ी। 1944 में सोवियत, अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रेंच सेनाओं ने जर्मनी के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। इस दौरान जर्मनी खासकर वहां की महिलाओं को बेहद दर्दनाक दौर से गुजरना पड़ा। इस दौरान लाखों महिलाओं व बच्चियों का रेप किया गया।इतिहासकारों का मानना है कि संयुक्त देशों की रेड आर्मी ने तब 20 लाख से भी ज्यादा जर्मन महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाते हुए जर्मनी को रौंदा था। यही वजह है कि गैर-अनुशासित रेड आर्मी की ये करतूत इतिहास में सबसे बड़े सामूहिक बलात्कार की घटना के रूप में दर्ज है।लेखक एंटोनी बीवर ने अपनी किताब फॉल ऑफ बर्लिन में दावा किया है कि रेड आर्मी ने तब जर्मन की किसी भी महिला को नहीं छोड़ा था। रेड आर्मी ने 8 साल से लेकर 80 साल की महिलाओं का बलात्कार किया था। युद्ध से छह महीने के अंतराल में अकेले बर्लिन में 1,000,00 महिलाएं बलात्कार का शिकार हुई थीं।
यह चौंकाने वाला खुलासा जनवरी 2015 में पब्लिश Bastards! The children of occupation in Germany after 1945 किताब में हुआ था।जर्मनी की मैग्देबर्ग युनिवर्सिटी के प्रोफेसर सिल्के सत्जोकोव और प्रोफेसर रेनर ग्रिस ने यह बुक लिखी।स्टडी में बताया गया कि 1944-45 में जर्मनी पर चार देशों (सोवियत, अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रेंच) की एलाइड सैन्य टुकड़ियों का नियंत्रण था। इस दौरान सेना ने न सिर्फ कत्लेआम व लूटपाट की, बल्कि लाखों जर्मन लड़कियों व महिलाओं का रेप किया और नतीजतन नाजायज बच्चे पैदा हुए।इनका कहना है कि जर्मनी के करीब 4 लाख बच्चे नहीं जानते उनके पिता कौन हैं. स्टडी में पता चला कि विदेशी सेनाओं द्वारा जर्मनी में करीब 20 लाख महिलाएं व बच्चियां रेप का शिकार होकर मां बनीं। उस समय पैदा हुए लाखों बच्चे अपने पूरे जीवन सामाजिक भेदभाव का सामना करते रहे। इसके चलते कइयों ने अपने पिता की तलाश करने की भी कोशिश की।